क्या बापू वाले नोट अब होंगे चलन से बाहर? जानिये RBI का बड़ा बयान (Kya Bappu Wale Notes Ab Hoge Chalan Se Bahar?)
Category: Indian Economy / Fact Check
Date: December 20, 2025
क्या पिछले कुछ दिनों में आपके पास भी व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर ऐसा कोई मैसेज आया है कि भारतीय करेंसी नोटों से महात्मा गांधी की फोटो हटने वाली है?
अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट पर यह अफवाह आग की तरह फैल रही है कि सरकार और रिज़र्व बैंक (RBI) नोटों के डिजाइन में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं और 'राष्ट्रपिता' की तस्वीर को हटाया जा रहा है।
इससे पहले कि आप घबराएं या अपने पास रखे कैश को लेकर चिंतित हों, यहाँ जानिये इसकी पूरी सच्चाई।
सच क्या है? क्या नोट से हट रही है गांधी जी की फोटो?
बिल्कुल नहीं। यह दावा पूरी तरह से झूठा और भ्रामक (Fake News) है।
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इन अफवाहों पर विराम लगाते हुए स्पष्टीकरण दिया है। केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि:
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किसी भी नोट से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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गांधी जी की जगह किसी और की फोटो लगाने पर कोई चर्चा नहीं हो रही है।
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नोटों का वर्तमान डिजाइन पूरी तरह से मान्य है और बदला नहीं जा रहा है।
RBI ने कहा कि करेंसी का डिजाइन एक गंभीर विषय है और देश की अखंडता से जुड़ा है। इतना बड़ा बदलाव कभी भी सोशल मीडिया के 'गुप्त सूत्रों' के जरिए नहीं, बल्कि आधिकारिक घोषणा के साथ किया जाता है।
यह अफवाह कैसे फैली?
डिजिटल दौर में गलत खबरें (Misinformation) सही खबरों से ज्यादा तेजी से फैलती हैं। इस अफवाह के पीछे मुख्य रूप से तीन कारण हैं:
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एडिट की गई फोटो: इंटरनेट पर कुछ शरारती तत्वों ने नोटों की ऐसी नकली तस्वीरें वायरल कर दीं जिनमें गांधी जी की फोटो नहीं थी।
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भ्रामक हेडलाइन्स: बिना सबूत के कुछ पोस्ट में लिखा गया कि "नया भारत, नई करेंसी", जिससे लोगों में भ्रम पैदा हुआ।
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व्हाट्सएप फॉरवर्ड: लोगों ने बिना सच्चाई जाने 'सूत्रों के हवाले' से आए मैसेज को सच मानकर फॉरवर्ड करना शुरू कर दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि नोटबंदी और एटीएम से जुड़े पुराने डर के कारण, लोग पैसों से जुड़ी किसी भी खबर पर तुरंत भरोसा कर लेते हैं और यही डर अफवाहों को बढ़ावा देता है।
नोटों पर गांधी जी की तस्वीर क्यों जरूरी है?
महात्मा गांधी की तस्वीर हमेशा से भारतीय नोटों पर नहीं थी। इसे 1990 के दशक में 'महात्मा गांधी सीरीज' के साथ व्यापक रूप से शुरू किया गया था।
यह सिर्फ एक फोटो नहीं है, बल्कि इसके कई मायने हैं:
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सुरक्षा (Security): गांधी जी के पोर्ट्रेट में कई बारीक सुरक्षा फीचर छिपे होते हैं, जिससे नकली नोटों की पहचान करना आसान होता है।
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पहचान (Identity): यह भारतीय मुद्रा को दुनिया भर में एक अलग पहचान देती है।
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भरोसा (Trust): जैसा कि RBI कहता है, गांधी जी की छवि सत्य और अहिंसा का प्रतीक है, जो देश की अर्थव्यवस्था में जनता के भरोसे को मजबूत करती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
नोट छापने और डिजाइन तय करने का अधिकार सिर्फ RBI (रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया) के पास है। जब भी कोई बदलाव होता है (जैसे ₹200 या ₹500 के नए नोट आए थे), तो बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस और नोटिफिकेशन जारी किया जाता है।
इसलिए, व्हाट्सएप पर चल रही अफवाहों पर ध्यान न दें। बापू की तस्वीर आपके नोटों पर सुरक्षित है।
जरुरी बात: किसी भी वित्तीय खबर पर तब तक भरोसा न करें जब तक वह RBI की आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय न्यूज़ चैनल पर न आए।